Wednesday, June 21, 2023

दुर्गा माता षोडशोपचार पूजा मंत्र और विधि | Durga Mata Shodashopachar Puja Mantra aur Vidhi

दुर्गा माता षोडशोपचार पूजा मंत्र और विधि | Durga Mata Shodashopachar Puja Mantra Aur Vidhi

Durga mata shodashopachar puja mantra aur vidhi

श्री दुर्गासप्तशती पढ़ने की विधि |  श्री दुर्गासप्तशती पढ़ने का क्रम श्री दुर्गासप्तशती पढ़ने का तरीका 

दुर्गा माता और गणेश जी को स्थापित करने के बाद पूजा शुरू करने से पहले गणेश जी की पूजा करें फिर दुर्गा माता की षोडशोपचार पूजा करें षोडशोपचार पूजा करने से पहले माता दुर्गा पर ध्यान लगायें और दोनों हाथ जोड़कर उनका आवाहन करें

अखंडज्योत का महत्व | अखंडज्योत बनाने का तरीका | अखंडज्योत जलाने का मंत्र | अखंडज्योत जलाने के फायदे 

1) दुर्गा माता का ध्यान और आवाहन मंत्र

सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके |

शरण्ये त्रयम्बिके गौरी नारायणी नमोस्तुते ||

ब्रम्हारुपे सदानन्दे परमानंद स्वरूपिणी |

द्रुत सिद्धि प्रदे देवी नारायणी नमोस्तुते ||

शरणागत-दीनार्त-परित्राण-परायणे |

सर्वस्यार्तिहरे देवि! नारायणि! नमोस्तुते |

2) दुर्गा माता को आसन समर्पित करने का मंत्र

अनेक रत्नसंयुक्तम नानामणिगनान्वितम |

कार्तस्वरमयं दिव्यमासनं प्रतिगृह्यताम् ||

ॐ भुर्भुव: स्वः दुर्गादेव्यै नमः आसनं समर्पयामि ||

3) दुर्गा माता को पाद्य प्रक्छालन करने का मंत्र 

गंगादी सर्वतीर्थेभ्यो मया प्रर्थानायाहृतम् |

तोयमेतत्सुखस्पर्श पाद्यार्थम प्रतिगृह्यताम्  ||

ॐ भुर्भुव: स्वः दुर्गादेव्यै नमः पाद्यं समर्पयामि ||

4) दुर्गा माता को अर्घ्य समर्पित करने का मंत्र 

गंधपुष्पाक्षतैर्युक्तमर्घ्यम्  संपादितम्  मया |

गृहाण त्वं महादेवी प्रसन्ना भव सर्वदा ||

ॐ भुर्भुव: स्वः दुर्गादेव्यै नमः अर्घ्यं समर्पयामि ||

5) दुर्गा माता को आचमन समर्पित करने का मंत्र

आचम्यताम् त्वया देवी भक्ति मे ह्याचलाम् कुरु |

ईप्सितं मे वरं देहि परत्र च परां गतिम् ||

ॐ भुर्भुव: स्वः दुर्गादेव्यै नमः आचमन समर्पयामि ||

6) दुर्गा माता को स्नान समर्पित करने का मंत्र

पयोदधि घृतं क्षीरं सितया च समन्वितं |

पंचामृतमनेनाद्य कुरु स्नान दयानिधे ||

ॐ भुर्भुव: स्वः दुर्गादेव्यै नमः स्नानीयं जलं समर्पयामि ||

7) दुर्गा माता को वस्त्र समर्पित करने का मंत्र

वस्त्रं च सोम दैवत्यं लज्जायास्तु निवारणम् |

मया निवेदितम् भक्त्या गृहाण परमेश्वरी ||

ॐ भुर्भुव: स्वः दुर्गादेव्यै नमः वस्त्रं समर्पयामि ||

8) दुर्गा माता को आभूषण समर्पित करने का मंत्र

हार कंकण केयूर मेखला कुंडलादिभी: |

रत्नाढयं कुण्डलोपेतं भूषणं प्रतिगृह्यताम् ||

ॐ भुर्भुव: स्वः दुर्गादेव्यै नमः आभूषणं  समर्पयामि ||

9) दुर्गा माता को चन्दन समर्पित करने का मंत्र

परमानंद सौभाग्यं परिपूर्णं दिगन्तरे |

गृहाण परमं गन्धं कृपया परमेश्वरी ||

ॐ भुर्भुव: स्वः दुर्गादेव्यै नमः चन्दनं समर्पयामि ||

10) दुर्गा माता को रोली समर्पित करने का मंत्र

कुंकुमं कान्तिदं दिव्यं कामिनी काम संभवं |

कुंकुमेनार्चिते देवी प्रसीद परमेश्वरी ||

ॐ भुर्भुव: स्वः दुर्गादेव्यै नमः कुंकुमं समर्पयामि ||

11) दुर्गा माता को काजल समर्पित करने का मंत्र

कज्जलं कज्जलं रम्यं शुभगे शांतिकारिके |

कर्पूर ज्योतिरुत्पनम् गृहाण परमेश्वरी ||

ॐ भुर्भुव: स्वः दुर्गादेव्यै नमः कज्जलं समर्पयामि ||

12) दुर्गा माता को मंगल द्रव्य समर्पित करने का मंत्र

  • सौभाग्य सूत्र 
सौभाग्यासुत्रं वरदे सुवर्ण मणि संयुते |
कण्ठे बध्नामि देवेशि सौभाग्यं देहि मे सदा ||
ॐ भुर्भुव: स्वः दुर्गादेव्यै नमः सौभाग्य सूत्रं समर्पयामि ||
  • सुगन्धित द्रव्य 
चंदनागरू कर्पूर्ये: संयुतं कुंकुमं तथा |
कस्तूर्यादी सुगंधाश्च सर्वांगेषु विलेपनम् ||
ॐ भुर्भुव: स्वः दुर्गादेव्यै नमः सुगन्धित द्रव्यं समर्पयामि ||
  • हरिद्रा / हल्दी समर्पण 
हरिद्रारंजिते देवी सुख सौभाग्यदायिनी |
तस्मात्वामं पूजयाम्यरत्र सुखशांति प्रयच्छ मे ||
ॐ भुर्भुव: स्वः दुर्गादेव्यै नमः हरिद्राचूर्णं समर्पयामि ||
  • अक्षत समर्पण 
रंन्जिता: कंकुमौद्येन न अक्षताश्चातिशोभना: |
ममैषाम् देवी दानेन प्रसन्ना भव शोभने ||
ॐ भुर्भुव: स्वः दुर्गादेव्यै नमः अक्षतं समर्पयामि ||

13) दुर्गा माता को पुष्पांजलि समर्पित करने का मंत्र
मंदार पारिजातादी पाटली केतकानी च |
जाती चम्पक पुष्पाणि गृहाणेमानि शोभने ||
ॐ भुर्भुव: स्वः दुर्गादेव्यै नमः पुष्पांजलिम् समर्पयामि ||

14) दुर्गा माता को बिल्वपत्र समर्पित करने का मंत्र
अमृतोद्भव: श्रीवृक्षौ महादेवी ! प्रिय: सदा |
बिल्वपत्रं प्रयच्छामि पवित्रं ते सुरेश्वरी ||
ॐ भुर्भुव: स्वः दुर्गादेव्यै नमः बिल्वपत्राणी समर्पयामि ||

15) दुर्गा माता को धूप समर्पित करने का मंत्र
दशांग गुग्गुल धूपं चंदनागरु संयुतम्  |
समर्पितम्  मया भक्त्या महादेवी प्रतिगृह्यताम् ||
ॐ भुर्भुव: स्वः दुर्गादेव्यै नमः धूपम्  समर्पयामि ||

16) दुर्गा माता को दीप समर्पित करने का मंत्र
घृतवर्तिसमायुक्तम् महातेजो महोज्वलम् |
दीपं दास्यामि देवेशि ! सुप्रीता भव सर्वदा ||
ॐ भुर्भुव: स्वः दुर्गादेव्यै नमः दीपम्  समर्पयामि ||

17) दुर्गा माता को नैवेद्य समर्पित करने का मंत्र
अन्नं चतुर्विधं स्वादु रसै: षड्भिः समन्वितम् |
नैवेद्य गृह्यताम्  देवी ! भक्ति मे ह्याचला कुरु ||
ॐ भुर्भुव: स्वः दुर्गादेव्यै नमः नैवेद्यं समर्पयामि ||

18) दुर्गा माता को ऋतुफल समर्पित करने का मंत्र
द्राक्षाखर्जूर कदलीफल सम्रकपित्थकम् |
नारिकेलेक्षुजाम्बादि फलानि प्रतिगृह्यताम् ||
ॐ भुर्भुव: स्वः दुर्गादेव्यै नमः ऋतुफलानि समर्पयामि ||

19) दुर्गा माता को आचमन समर्पित करने का मंत्र
कामारिवल्लभे देवि कर्वाचम्नम्बिके |
निरंतरमहं वन्दे चरणौ तव चण्डिके ||
ॐ भुर्भुव: स्वः दुर्गादेव्यै नमः आचमनीयं समर्पयामि ||

20) दुर्गा माता को नारिकेल समर्पण समर्पित करने का मंत्र
नारिकेलं च नारंगिम कलिन्गमंजिरम् त्वा |
उर्वारुक च देवेशि फलान्येतानि गह्यताम् ||
ॐ भुर्भुव: स्वः दुर्गादेव्यै नमः नारिकेलम्  समर्पयामि ||

21) दुर्गा माता को ताम्बूल समर्पण समर्पित करने का मंत्र
एलाल्वंगम् कस्तूरी कर्पूरे: पुष्पवासिताम् |
विटीकाम् मुखवासार्थ समर्पयामि सुरेश्वरि ||
ॐ भुर्भुव: स्वः दुर्गादेव्यै नमः ताम्बूलम् समर्पयामि ||

22) दुर्गा माता को दक्षिणा समर्पण समर्पित करने का मंत्र
पूजा फल समृद्धयर्थ तवाग्रे स्वर्णमीश्वरी |
स्थापितं तेन मे प्रीता पूर्णान कुरु मनोरथम् ||
ॐ भुर्भुव: स्वः दुर्गादेव्यै नमः दक्षिणाम् समर्पयामि ||

23) दुर्गा माता को दीपं समर्पण समर्पित करने का मंत्र
शुभम् भवतु कल्याणमारोग्यम् पुष्टिवर्धनम् |
आत्मतत्वं प्रबोधाय दीप्ज्योतिर्नमोस्तुते ||
ॐ भुर्भुव: स्वः दुर्गादेव्यै नमः दीपम् समर्पयामि ||

24) कन्या पूजन का मंत्र 
सर्वस्वरूपे सर्वेशे सर्वशक्ति स्वरूपिणी |
पूजां गृहाण कौमारी जगन्मातर नमोस्तुते ||
 ॐ भुर्भुव: स्वः दुर्गादेव्यै नमः कन्या पूजयामि ||

25) प्रदक्षिणा का मंत्र 
दुर्गा माता के सामने हाथ में फूल लेकर और हाथ जोड़कर  बाएं से दाएँ गोल घूमना प्रदक्षिणा कहलाता है |
प्रदक्षिणं त्रयं देवी प्रयत्नेन प्रकल्पितम् |
पश्याद्य पावने देवी अम्बिकाये नमोस्तुते ||
 ॐ भुर्भुव: स्वः दुर्गादेव्यै नमः प्रदक्षिनाम् समर्पयामी ||




प्रश्न : दुर्गा माता को क्या नहीं चढ़ाना चाहिए ?
उत्तर : दुर्गा माता को आक, दूर्वा और तुलसी नहीं चढ़ाई जाती है |

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