Monday, June 19, 2023

NAVRATRI ME AKAHANDJYOT BANANE KI VIDHI | अखंडज्योत का महत्व | अखंडज्योत बनाने का तरीका

अखंडज्योत का महत्व | अखंडज्योत बनाने का तरीका | अखंडज्योत जलाने का मंत्र | अखंडज्योत जलाने के फायदे 

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How to make akhandjyot


अखंडज्योत

अखंडज्योत वह दीपक होती है जो खंडित न हो अर्थात जिस समय तक पूजा का संकल्प लिया गया हो तब तक जो दीपक बिना बुझे जलाया जाय उसे अखंडज्योत कहते हैं | नवरात्री में इसे नौ दिनों का संकल्प लेकर जलाया जाता है |

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अखंडज्योत जलाने के फायदे

  • अखंडज्योत जलाने से घर से सारी नकारात्मक शक्तियां बाहर चली जाती हैं और घर का वास्तु दोष भी ठीक होता है |
  • घर पर अखंडज्योत जलाने से घर में सुख समृद्धि का वास होता है |
  • घर पर अखंडज्योत जलाने से दैवीय शक्तियों का संचार होता है |
  • अखंडज्योत जलाने से शनि के कुप्रभाव से बचा जा सकता है |
  • अखंडज्योत में तेल डालकर जलाने से पित्र शांत रहते हैं और घर में सुख समृद्धि का वास होता है |
  • अखंडज्योत जलाने से स्वास और नर्वस सिस्टम ठीक रहता है |
  • अखंडज्योत जलाने से परिवार में बिगड़े काम बनने लग जाते हैं |
  • अखंडज्योत जलाने से घर में बीमारी नहीं होती और लड़ाई झगड़े भी नहीं होते हैं |
  • नवरात्री में विद्यार्थियों को सफलता के लिए अखंडज्योत जलाना चाहिए |

अखंडज्योत बनाने का तरीका 

  • अखंडज्योत बनाने के लिए लाल धागे या कलावे का उपयोग किया जाता है | 
  • अखंडज्योत के दिए के लिए मिट्टी या पीतल का दिया उपयोग में लाना चाहिए | 
  • दिया जलाने के लिए घी, सरसों का तेल या तिल का तेल उपयोग कर सकते हैं | 
  • अगर घी का उपयोग करते हैं तो दिया दायीं तरफ रखना चाहिए और अगर तेल का उपयोग करते हैं तो दिया बायीं तरफ रखना चाहिए | 
  • बाती की लम्बाई सवा हाथ की होनी चाहिए | 
  • बाती को अखंडज्योत के बीच में रख देना चाहिए, उसमें घी या तेल भरकर उसे अखंडज्योत मंत्र बोलकर प्रज्वलित करना चाहिए |
  • इसके साथ ही अखंडज्योत को प्रज्वलित करने से पहले उसमें दो लोंग डाल दें, इससे धन आकर्षित होता है|
  • अखंडज्योत जलाने क बाद उसपे थोडा फूल, अक्षत और जल डालना चाहिए |

अखंडज्योत की बाती की लम्बाई 

अखंडज्योत की बाती को मौली या कलावे से ही बनानी चाहिये | बाती की लम्बाई सवा हाथ की होनी चाहिए | 

अखंडज्योत को कहाँ पर रखना चाहिए 

  • वास्तु के अनुसार अखंडज्योत को आग्नेय कोण में रखना चाहिए मतलब पूजा स्थान के पूर्व दक्षिण कोण में |
  • अखंडज्योत जलाने क लिए अगर घी का उपयोग करते हैं तो दिया दायीं तरफ रखना चाहिए और अगर तेल का उपयोग करते हैं तो दिया बायीं तरफ रखना चाहिए | 
  • अखंडज्योत को मिट्टी या पीतल के प्लेट पर रखना चाहिए | 
  • अखंडज्योत को हमेशा लकड़ी के पाटे या पत्थर पर रखें, उसे जमीन पर ना रखें | 
  • अखंडज्योत में ध्यान रखें की हवा न लगे नहीं तो वह बुझ सकती है |
  • अखंडज्योत बुझ भी सकती है इसलिए इसे हर दिन थोडा थोडा बढाते रहना चाहिए |
  • अखंडज्योत जलाने के बाद घर में ताला नहीं लगाना चाहिए और अखंडज्योत को अकेले घर में प्रज्वलित करके नहीं छोड़ना चाहिये |



अखंडज्योत का विसर्जन कैसे करें 
अष्टमी या नवमी के परायण के बाद दशवीं तिथि तक अखंडज्योत को प्रज्वलित रखें | उसमें उतना ही घी या तेल डालकर रखें जिससे की वह दशवीं तिथि तक जलता रहे | उसके बाद उसे बाकी के पूजा सामग्रीयों के साथ किसी तालाब या पोखर में विसर्जित कर दें | अगर तालाब या पोखर नहीं हो तो किसी सुनसान जगह पर गड्ढा करके अखंडज्योत को डालकर ऊपर से मिट्टी डाल दें |

अखंडज्योत में फूल बनने का क्या मतलब होता है 

अगर अखंडज्योत में फुल बनता है इसका मतलब है की आपकी पूजा देवी तक पहुँच रही है, वह आपकी पूजा को स्वीकार कर रही हैं और आपको आशीर्वाद दे रही हैं |

अखंडज्योत जलाते समय कौन सा मंत्र बोलना चाहिए

akhandjyot mantra
 




FAQs (Frequently Asked Questions)

1) अखंडज्योत का क्या महत्व होता है ?
2) अखंडज्योत बनाने का क्या तरीका होता है ?
3) अखंडज्योत जलाने का क्या मंत्र होता है ?
4) अखंडज्योत जलाने के क्या फायदे होते हैं ?
5) अखंडज्योत जलाते समय कौन सा मंत्र बोलना चाहिए ?
6) अखंडज्योत में फूल बनने का क्या मतलब होता है ?
7) अखंडज्योत का विसर्जन कैसे करना चाहिए ?
8)प्रश्न : दुर्गा माता को क्या नहीं चढ़ाना चाहिए ?
उत्तर : दुर्गा माता को आक, दूर्वा और तुलसी नहीं चढ़ाई जाती है |

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