Friday, June 09, 2023

Rohini Vrat Katha in Hindi

रोहिणी व्रत कथा 

For Upcoming Hindu Festivals and Panchang Click Here

Rohini Vrat Katha Kahani


पौराणिक कथा के अनुसार चंपापुरी नगर में राजा माधवा और रानी लक्ष्मीपति के7 पुत्र और 1 बेटी थी,जिसका नाम रोहिणी था. रोहिणी का विवाह हस्तिनापुर के राजा अशोक से हुआ. एक समय हस्तिनापुर में एक मुनिराज आए और सभी ने धर्मोपदेश को ग्रहण किया. राजा ने मुनिराज से पूछा कि आखिर उनकी रानी इतनी चुप-चुप क्यों रहती है? मुनिराज ने इसी राज्य में एक धनमित्र नाम का व्यक्ति था जिसकी कन्या का नाम दुर्गांधा थी. लड़की के पास हमेशा दुर्गंध आती थी इसी कारण वह हमेशा उसकी शादी के लिए परेशान रहता था. धनमित्र ने अपने पुत्री का विवाह अपने मित्र के पुत्र श्रीषेण के साथ धन का लालच देकर कर दिया, लेकिन उसकी दुर्गंध से परेशान होकर वह एक महीने में ही उसे छोड़ गया.

पुत्री के विवाह के लिए परेशान था धनमित्र

धनमित्र ने दूसरे मुनिराज अमृतसेन से दुर्गांधा की व्यथा बताई और पुत्री के बारे में पूछा. तब उन्होंने बताया कि गिरनार पर्वत पर राजा भूपाल अपनी रानी सिंधुमती के साथ रहते थे. नगर में एक बार मुनिराज आए थे. राजा ने रानी से मुनिराज के लिए भोजन की व्यवस्था करने को कहा. रानी ने क्रोधित होकर मुनिराज को कड़वी तुम्‍बी का आहार  दिया. इसेस मुनिराज को अत्यंत वेदना सहनी पड़ी और उन्होंने अपने प्राण त्याग दिए.

रोहिणी व्रत के प्रभाव से कन्या को मिला राजपाठ

मुनिराज की मृत्यु के बाद परिणाम रानी को कोढ़ हो गया और उसने प्राण त्याग दिए दुखों को झेलने के बाद उसने पशु योनि में और फिर तेरे घर दुर्गंधा कन्‍या के रूप में जन्म लिया. धनमित्र ने पुत्री के ठीक होने का विधान पूछा. मुनिराज ने कहा कि सम्‍यग्दर्शन सहित रोहिणी व्रत पालन करो. जिस दिन हर मास रोहिणी नक्षत्र आए उस दिन चारों तरह के आहार का त्‍याग करें. साथ ही श्री जिन चैत्‍यालय में जाकर धर्मध्‍यान समेत 16 प्रहर व्‍यतीत करें. इस तरह यह व्रत 5 साल तक करें.  मुनिराज के कहे अनुसार, दुर्गंधा ने श्रद्धापूर्वक व्रत किया और मरणोपरान्त स्वर्ग में प्रथम देवी हुईं और अशोक की रानी बनीं.  ऐसे ही जो व्यक्ति पूरी श्रद्धा के साथ यह व्रत करेगा उसे सभी सुखों की प्राप्ति होगी.


For Rohini Vrat Dates in 2023 Click Here

For Upcoming Hindu Festivals and Panchang Click Here

*************************************************************************************

No comments:

Post a Comment

Adhik Maas or Purushottam Maas Date, Importance and Significance, What to do and What Not to do, Mantra, Deepdaan Importance, Adhik Maas Vrat Katha

Adhik Maas or Purushottam Maas Date, Importance and Significance, What to do and What Not to do, Mantra, Deepdaan Importance, Adhik Maas Vra...